आयुर्वेदिक उपचार : कब्ज को करें जड़ से खत्म

कब्ज आज के समय में आम बीमारी बनती जा रही है।
हर एक दूसरा व्यक्ति कब्ज जैसी बीमारी से जूझ रहा है हालांकि कब्ज के लिए ज्यादा मसालेदार और तला भुना खाना और बिगड़ी जीवन शैली ही जिम्मेदार है।हम क्या खाते हैं और क्या नहीं खाते हैं, इसपर कब्ज की निर्भरता है। कब्ज के कारण व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे पेट में दर्द या जलन सूजन जैसे कई लक्षण होते हैं। कब्ज के कारण मल हार्ड हो जाता है जिसे त्यागने में काफी दिक्कत आती है। कब्ज होने के कारण कमर के निचले हिस्से में भी काफी दर्द होता है यहां तक कि यदि आपके कब्ज की बीमारी लंबे समय से हो रही है तो यहां पाइल्स या बवासीर का रूप ही ले सकती है । जो की एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी होती है। कब्ज होने के कई कारण हो सकते है। फिर चाहे बिगड़ी लाइफस्टाइल हो या तनाव इसके अलावा डाइट में एक जैसा खाना रोजाना खाने से पाचन को नुकसान पहुंचता है। एक जैसा खाने से मतलब है कि हर दिन एक ही तरह का तेल, एक ही तरह का आटा और एक ही तरह की सब्जी का सेवन करने से पाचन खराब होने लगता है। एक जैसी डाइट बॉडी में किसी खास पोषक की मात्रा को घटा या बढ़ा सकती है। हालांकि कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इसका इलाज भी उपलब्ध है। लेकिन कई व्यक्तियों को इलाज भी असर नहीं करता है तो आप घरेलू नुक्से यानी आयुर्वेदिक उपाय का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जिसका किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह आपकी सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होते हैं। यदि आप कब्ज की बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो डॉक्टर एचपी का गास्केट जून का इस्तेमाल कर सकते हैं यह आपके पेट में कब्ज की बीमारी के साथ है पेट में गैस ,जलन, सूजन और दर्द के लिए भी इलाज करता है। इसे 100% प्राकृतिक जड़ी बूटियां से बनाया गया है इसमें 27 तरह की जड़ी बूटियां का उपयोग कर गया है इसका इस्तेमाल करने से 15 से 90 दिनों के भीतर ही आपको सहायता मिलना शुरू हो जाएगी।

कब्ज क्या है ?


कब्ज एक ऐसी गंभीर समस्या है जिससे 80 फीसदी लोग जूझ रहे हैं। जब किसी इंसान का मल बहुत कड़क हो जाता है और मल त्यागने के दौरान परेशानी होती है तो उस स्थिति को कब्ज कहा जाता हैं। दरअसल पाचन तंत्र के खराब होने के कारण हमारे शरीर से मैल निकालने की मात्रा बहुत कम हो जाती है और मल निकालने के लिए अधिक जोर भी लगाना पड़ता है कब्ज के दौरान मल निकालने की संख्या भी घट जाती है। कब्ज के कारण पेट और गुदा में दर्द जैसे समस्याएं भी होने लगती है।आजकल कब्ज की समस्या से बच्चे, बुजुर्ग और लगभग सभी उम्र के लोग जूझ रहे हैं। जिसे सिर्फ एक ही कारण है कि अनियमित जीवनशैली।कब्ज में सिर्फ गैस की समस्या होती है यानी पेट में सिर्फ गैस बनती है। कब्ज की बीमारी किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है। अगर कब्ज की परेशानी ज्यादा बड़ जाती हैं तो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, डायबिटीज, हाइपरकैल्सीमिया ,अंडरएक्टिव थायराइड ग्लैंड ,मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, बवासीर और फिशर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

कब्ज होने के कारण

  • 24 घंटे तक मल त्याग न करना कब्ज का सबसे बड़ा कारण होता है।
  • फाइबर से भर भोजन न करने के कारण भी कब्ज हो जाता है।
  • जो फल देरी से बचते हैं उनका अधिक सेवन करने के कारण भी कब्ज होता है ।
  • अच्छी तरह से नींद ना लेने के कारण भी कब्ज की समस्या होती है।
  • शरीर में कैल्शियम और पोटैशियम की कमी होना
  • अधिक मात्रा में मांस का सेवन करना
  • आंत या लिवर की बीमारी से पीड़ित होना
  • बदहजमी होना और थायरॉयड हार्मोन का कम होने के कारण
  • मैदा से बने खाने का ज्यादा सेवन करना।
  • बहुत अधिक खा लेना या बहुत देर तक कुछ ना खाने के कारण भी कब्ज होती है।
  • एक दिन में हीचाय और कॉफी बहुत ज्यादा पीना।
  • धूम्रपान करना व शराब पीने से भी कब्ज़ हो जाता है।
  • भोजन पचने से पहले ही दोबारा भोजन करना या बिना भूख के खाना।
  • बहुत देर तक भूखा रहना या बार-बार उपवास करना
  • यदि आप किसी प्रकार की बीमारी से लंबे समय से पूछ रहे हैं और प्रतिदिन दवा का सेवन करते हैं तो ऐसे में दवा के कारण भी कब्ज होता है।
  • अधिक ज्यादा तनाव लेने के कारण भी कब्ज होता है।

कब्ज के लक्षण

  • एक हफ्ते में केवल तीन से चार बार ही मल त्याग करना।
  • सूखा और कठोर मल आना के साथ ही मल त्यागने के लिए जोर लगाना।
  • जब आप सांस ले तो उसमें बदबू आना और लगातार नाक बहना।
  • चेहरे पर मुहासे निकल आना।
  • जब आप ऐसा महसूस करते हैं कि आपकी आंखें पूरी तरह से खाली नहीं है तो यह कब्ज के ही लक्षण है।
  • बार-बार अचानक सर दर्द होना।
  • अचानक चक्कर आना और जी मिचलाना भी कब्ज के लक्षण है।
  • खाना खराब होना या पेट भारीपन होना।
  • शौच के बाद भी पेट साफ न होना और पेट में मरोड़ पड़ना।
  • दिन भर कमजोरी जैसा महसूस करना।
  • आंखों में जलन करना या कमर दर्द।
  • मुंह में छाले होना और जीव का रंग सफेद होना।
  • बवासीर, भगंदर, फिशर रोग होने की संभावना बढ़ जाना
  • आंतों में जख्म व सूजन हो जाना

कब्ज से छुटकारा पाने के उपाय

बेल का सेवन

बेल का फल कब्ज के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि भेजो फल में रिक के गुण मौजूद होते हैं। जिस कारण ये कब्ज को खत्म करता है यदि आपको कब्ज की परेशानी है तो आप शाम को खाना खाने से पहले आधा कप बेल को गूदे को एक चम्मच गुड़ के साथ खाए। आप चाहे तो बेल के रस को थोड़े से इमली के पानी और गुड़ के साथ मिलकर सावन व्रत बनाकर पी सकते हैं लेकिन याद रखें आपको पल का अधिक उपयोग नहीं करना है। यदि आप बेल का अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं तो यह पेट और ज्यादा खराब भी कर सकता है।

त्रिफला


त्रिफला कब्ज दूर करने के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक माना जाता है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जो काफी से कर दिलाने में काफी मदद करता है कृपया का उपयोग आप गर्म पानी में मिलकर चाय बनाकर कर सकते हैं इसके लिए आपको एक चौथाई चम्मच त्रिफला में आधा चम्मच धनिया के बीच एक चौथाई चम्मच इलायची भी मिला सकते है। इस मिश्रण को एक साथ पीसकर गिलास में पानी के साथ मिलन ले और उसे पी ले।

भुनी हुई सौंफ


अगर आपको कब्ज की समस्या है तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच भुनी और पिसी हुई सौंफ मिलाएं। सौंफ के बीजों का सेवन कुछ गैस्ट्रिक एंजाइमों का उत्पादन करने में मदद करता है जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता हैं और स्टूल को लूज करता है। भुनी हुई सौंफ कब्ज से निजात दिलाती है।

शहद

शहद को औषधीय गुणों के कारण इसको प्राचीन काल से ही इसका दवा के रुप में उपयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में भी शहद के कई लाभ बताए गए हैं। शहद का प्रयोग शरीर के घाव भरने और कैंसर के इलाज तक में किया जाता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कब्ज को ठीक करने में उपयोगी साबित होते हैं। यह मॉश्चराइज़िंग से भरपूर होता है और आंतों को साफ करने के लिए ल्यूब्रिकेंट का काम करता है।

मुलेठी


मुलेठी में सूजन-रोधी प्रभाव होता है जो की पाचन में सहायता करता है। इसका उपयोग करने के लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी की जड़ और एक चम्मच गुड़ मिलाएं और फिर इसका सेवन करें। मुलेठी का सेवन कब्ज से छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले है ।

सेनाय के पत्ते


सेनाय के पत्ते एक पीले रंग के फूलों वाला पौधा है जिसके पत्ते में अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। दरअसल सेनाय के पत्ते हर्बल लेक्सेटिव का काम करते हैं। इसमें मौजूद ग्लाइकोसाइड आंत की नर्व को सक्रिय करता है जिससे कब्ज से राहत मिलती है।

कॉफी

कब्ज के पुराने मरीजों के लिए कॉफी पीना फायदेमंद होता है क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफिन डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए जरूरी केमिकल को सक्रिय करने के गुण मौजूद होते है ।जिसके कारण छोटी आंत का मूवमेंट तेज हो जाता है। इससे बाथरूम जाने की तलब लगती है और पेट साफ रहता है।कॉफी में सॉल्यूबल फाइबर भी होता है जो कब्ज से राहत दिलाता है।

अमरूद

अमरूद में विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके बीजों को चबा-चबा कर खाना चाहिए क्योंकि इससे पेट संबंधीत बीमारियों से राहत मिलती है। कब्ज़ के रोगियों को सुबह खाली पेट या फिर खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।

फलीदार सब्जी का सेवन करे


कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आपको फाइबरयुक्त आहार लेना चाहिए।जिसके लिए आपको हरी पत्तीदार और फलीदार सब्जियों का सेवन करना होगा।घीया, भिंडी, ब्रोकली, बींस, गाजर, चुकंदर, अलसी, फ्रोजन मटर, राजमा आदि में डाइट्री फाइबर होता है जो कब्ज को ठीक करने में बहुत फायदेमंद है।

गुड़

कब्ज के लिए गुड का उपयोग भी काफी लाभदायक होता है। गुड़ खाने से आपको विटामिन और मिनरल्स की मात्रा अधिक मिलती है। इसका उपयोग करने के लिए आपको
रात को सोने से पहले गुड़ खाने से सुबह के समय कब्ज की समस्या नहीं रहती।

प्रोबायोटिक फूड


कब्ज के मरीजों को छाछ, दही, किमची आदि प्रोबायोटिक फूड का सेवन करने से राहत मिलती है. प्रोबायोटिक फूड में लाखों की संख्या में गुड बैक्टीरिया होते हैं जो आंत में पाचन संबंधी रसायनों का निर्माण करते हैं. इससे भोजन का पाचन सही से होता है कॉन्स्टिपेशन की शिकायत दूर होती है.

नींबू


गैस की समस्या को खत्म करने के लिए आप नींबू पानी का सेवन करें । नींबू में आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक जैसे मिनरल होते हैं, जो की शरीर की विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं। नींबू हमारे शरीर के पीएच लेवल को संतुलित बनाए रखने में मददगार हो सकता है।

पपीता

पपीता अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। पपीते के रस में पपाइन नामक तत्व होता है। जो की पाचन के लिए काफी लाभदायक होते हैं। साथी इसमें विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण आपको कब्ज़ की प्रॉब्लम नहीं होती है।साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए अच्छा है। यह गुणकारी फल शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।पपीते को अगर रात में भोजन करने के बाद सोने से पहले खाया जाए तो यह कब्ज में काफी फायदेमंद होता है।

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

DR. MHP Ayurveda
Logo
Compare items
  • Total (0)
Compare
0
Shopping cart