गैस और उससे जुड़ी समस्या का आयुर्वेदिक इलाज

आमतौर पर खान-पान की गड़बड़ी से होने वाली पेट में गैस की समस्या जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं जिसके कारण वे कई बार अपनी पसंदीदा चीज भी नहीं खा पाते हैं। वैसे पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते है जैसे अत्यधिक भोजन करना, भोजन करते समय बातें करना और भोजन को सही से चबाकर न खाना इसके साथ ही पेट में कैसे अम्ल बनने के कारण भी हो सकती है। इसके अलावा कई लोगों को कुछ खाने से एलर्जी होती है जिसकी वजह से उनके पेट में गैस बनती है। शराब का सेवन करने व ज्यादा तनाव भी पेट में गैस का कारण बन सकता है। यदि आप भी केस की परेशानी से पीड़ित है और कोई भी दवाइयां कम नहीं कर रही है तो आयुर्वेदिक दवाई ayurvedic treatment अपनाइए और गैस की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाएं। इस समस्या को खत्म करने के लिए आप एचपी का कैसे करे चरण का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। गैस केयर चूर्ण का सेवन करने से आपको पेट में गैस से होने वाली जलन और परेशानी से राहत मिलेगी और साथ ही अपच और सूजन की समस्या को भी खत्म हो जाएगी इस चूर्ण को नींबू, धनिया, अदरक काला नमक जीरा इत्यादि के मिश्रण से बनाया गया है है जो की गैस से छुटकारा दिलाने में मददगार होते है।इसका उपयोग आप 3 से 5 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार कर सकते है।Best Ayurvedic medicine for gastric problem इसे आप एचपी की वेबसाइट से खरीद सकते हैं। साथ ही आप कुछ सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचारों का इस्तेमाल कर सकते है। आइये जानते हैं उसके बारे में

अजमोद –


जो व्यक्ति आय दिन पेट में गैस की समस्या से परेशान है उसके लिए बेहतरीन जड़ी बूटी है अजमोद। मनजोत के पत्ते को खाने पकाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियां में से एक है। अजमोद डायरूटिक है और ये शरीर से पानी और नमक के नुकसान को बढ़ाने में मदद करता है

जीरा-


जीरा एक ऐसा मसाला है, जो हर भारतीय के किचन में आसानी से मिल जाता है और हर कोई इसका सेवन करता है। आयुर्वेद के अनुसार, जीरा पाचक रसों को उत्तेजित करता है । यह एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करता है।

तुलसी-

पेट की समस्या से राहत के लिए आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग कई सदियों से किया जा रहा है। तुलसी सभी जड़ी बूटियां में से महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी के पत्तों का अर्क गैस्ट्राइटिस से पीडि़त चूहों में गैस्ट्रिक म्यूकोसा की सूजन को कम करने के लिए सिद्ध होता है। ऐसे में अगर व्यक्ति पेट में गैस बनने पर तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन कर ले, तो गैस्ट्राइटिस की समस्या बहुत कम हो जाती है। तुलसी का इस्तेमाल आप पत्ते को मुंह में चबाकर या चाय में पत्ते डालकर कर सकते हैं।

सौंफ-


पेट से जुड़ी समस्या के लिए सौंफ एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार हैं। यह न केवल सूजन वाली मांसपेशियों से राहत दिलाता है बल्कि कब्ज जैसे समस्याओं को भी दूर करने के लिए मददगार साबित हुई है l सौंफ का पेट और आंत की मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जो कब्ज और एसिड रिफ्लक्स से होने वाली गैस से राहत दिलाने में मददगार है।

सोआ –

कई लोगों को सर्दी के मौसम में ज्यादा पेट से जुड़ी समस्या परेशान करती हैं। इन समस्या से राहत पाने के लिए सोआ के पत्तो का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है। हरे पत्तेदार सोआ में एंटीइंफ्लेमेट्री प्रभाव देखे गए हैं जो आपको रिलेक्स महसूस कराते हैं।

कैमोमाइल चाय –

जो व्यक्ति गैस्ट्रिक समस्याओं से ग्रसित रहते हैं उन्हें अपने दिनचर्या में कैमोमाइल चाय का सेवन तो करना ही चहिए।
ये पत्तियां गैसेट्राइटिस जैसी सूजन को कम करने में मदद करती हैं और अल्सर से भी राहत दिलाती हैं। पाचन की समस्या को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए आप एक कप गर्म कैमोमाइल चाय का सेवन रोजाना कर सकते हैं। बहुत आराम मिलेगा।

पुदीना-

कहीं लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद पेट फूलने की शिकायत रहती है जीने यह समस्या है। उन्हें पुदीना का सेवन करना चाहिए। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पेट में ज्यादा गैस बनने को नियंत्रित करती है। बता दें कि पेपरमिंट ऑयल में एंटीइंफ्लेमट्री और एंटी बैक्टीरियल योगिक होते हैं, जो गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

अदरक –

अदरक जड़ी बूटी जठारांत्र मार्ग की मांसपेशियों के कार्य में सुधार कर पाचन को बेहतर करती है। अदरक के सक्रिय घटक अएसिड के प्रवाह को बढ़ाते हैं जो पाचन और अवशोषण को उत्तेजित करते हैं। इसके साथ ही ये कब्‍ज और पेट फूलने की समस्‍या से भी राहत दिलाते हैं। जीवाणु रोधी, फंगल रोधी और पेट फूलने की समस्‍या को रोकने के गुणों से युक्‍त अदरक का इस्‍तेमाल पेट की गैस से जुड़ी समस्‍याओं के उपचार में किया जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार पेट में गैस होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?

पेट में गैस की समस्या होने पर हल्का भोजन ले औरayurvedic medicine for digestion अपने आहार में मूंग दाल चावल और रसोनम को शामिल करें।
करेला और सहजन का सेवन करे ये सब्जियां पेट में गैस से राहत दिलाने में फायदेमंद होती हैं।
पेट में गैस के लक्षणों में सुधार के लिए तोरई के फल और पत्तियों के साथ ही बथुआ की पत्तियां लाभकारी रहती हैं।
तिल के बीज,
दूध के साथ मछली जैसे खाद्य पदार्थों को एकसाथ खाने से बचें।

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