स्वस्थ हृदय रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
स्वस्थ हृदय रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

मनुष्य शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है दिल यानी की हृदय। हमारी जिंदगी चलते रहे इसके लिए तहत जरूरी है कि दिल की धड़कन भी चले इसलिए आपको अपने दिल का बेहद ख्याल रखना चाहिए आज के भाग दौड़ वाली जिंदगी में लगभग हर व्यक्ति बिजी है जिसके कारण वे अपने आप पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और कई बीमारियां उत्पन्न होने लगी है जिनमें से हार्ट अटैक जैसी हृदय की कई बीमारियां होने लगी है।दिल रक्त को पंप करता है जो शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है। स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए हृदय की कुशल कार्यप्रणाली आवश्यक है। हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप आहार, हर्बल दवाओं, व्यायाम, ध्यान और कई अन्य तरीके की मदद से स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं।
दिल की बीमारियों को आम शब्द में हृदय रोग कहा जाता है
जिसमें हृदय से राम मंदिर कई सदियां बीमारियां होती है हृदय पर गलत प्रभाव पड़ता है इन रोगों कहो ना मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और गलत खान-पान खाना । 15 साल आज के वक्त में हर व्यक्ति ज्यादा तला वाला और अधिक चिकना वाला खाना खाते हैं जिसके कारण हृदय की समस्या में होती हैं जिसके कारण हृदय की रक्तनलियां अवरूद्ध होने लगती है जिस कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने हृदय को मजबूत कैसे रख सकते हैं।लेकिन उससे पहले आपको बता दे आप आयुर्वेदिक दवा डॉ एमएचपी हार्टो 21 चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते है। जिसे
हृदय रोग के कुछ लक्षण
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- कमजोरी होना
- अचानक पैर-हाथ ठंडे पड़ना
- असामान्य धड़कन
- तेज हार्ट बीट
- धीमी हार्ट बीट
- धबराहट होना
- चक्कर आना
हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपाय
गुग्गल

गूगल हृदय रोग से छुटकारा दिलाने के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है इसे कमिफोरा मुकुल नाम के पेड़ से लिए जाता है। आपको बता दे इसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक औषधियां को बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए लाभदायक माना जाता है। जब आपको किसी प्रकार की हृदय रोग की समस्या हो तो आपको इसका उपयोग करना चाहिए पर याद रखें उसे समय आपकी डाइट में भी अच्छी सुधार होना चाहिए
अर्जुनारिष्ट

अर्जुनारिष्ट का उपयोग हृदय की सेहत बढ़ाने के लिए सदियों से किया जा रहा है इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर लेवल में कमी आती है। यदि आप इसका महीना तक उपयोग करते हैं तो आपका हल लेवल अधिक और एलडीएल लेवल कम होगा साथ ही ट्रायग्लिसराइड लेवल भी कम हुआ होगा जो आपको हृदय स्वस्थ रखने के लिए काफी आवश्यक होता है। इस जड़ी बूटी में कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो की फ्री-रेडिकल्स द्वारा होने वाले नुकसान से हृदय को बचा सकते हैं।
पुष्करमूल

पुष्करमूल का उपयोग हृदय रोग के अलावा कई सारी बीमारियों के लिए किया जाता है हालांकि इसका सप्लीमेंट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।इन सप्लीमेंट्स का प्रयोग करने से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है। यदि आप इसका उपयोग करना चाहते हैं तो मार्केट में यह आसानी से मिल जाता है यह उसकी जूस पाउडर, टेबलेट वह एक्सट्रैक्ट के रूप में उपलब्ध है ।
लहसुन

रचना का उपयोग करने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के लेवल कम होते हैं जो की हृदय की सेहत में सुधार लाता है। आमतौर लसूना टेबलेट के रूप में उपलब्ध होती है। साथी में सुना ब्लू क्लॉक बनाने और उससे होने वाले नुकसान से भी हृदय को बचाती है। इन सब के अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट ही मौजूद होते हैं जो की हृदय को फ्री रेडिकल्स से बचते हैं।
अमालकी रसायन

अमल की रासायनिक यानी आंवला इसका उपयोग भी सदियों से आयुर्वेदिक दावों के लिए किया जाता है इसके कई सारे फायदे हैं। दरअसल आंवला में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सीडेंट और एनाल्जेसिक गुण होते हैं । जो हमारे शरीर के साथ ही हृदय के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसका उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल समान रहता है जो हृदय के लिए काफी अच्छा होता है। अवल में विटामिन सी भी पाया जाता है जिससे धमनियों को काफी लाभ मिलता है और वह मजबूत बनती हैं। अगर धमनियां अपना काम अच्छे से करेंगी तो हृदय की सेहत भी बेहतर ही रहेगी। आंवला में काफी सारे लाभदायक एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जिनसे हृदय को फायदा पहुंचता है।
जटामांसी

जटामांसी का इस्तेमाल आमतौर पर न्यूट्रास्यूटिकल्स और दवाओं को बनाने में किया जाता है। जोकि हृदय के लिए भी अच्छी होती हैं। साथी इसका उपयोग दिमागी कमजोरी मुर्गी और हिस्टीरिया जैसी कई बीमारियों के लिए किया जाता है इसका उपयोग करने से कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति से भी बचा जा सकता है।
मोरिंगा

मोरिंगा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काफी मदद करते हैं । आपको बता दे मोरिंगा को आमतौर पर सहजन के पत्ते के तौर पर भी जाना जाता है ।मोरिंगा के अर्क में पाए जाने वाले शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हृदय की क्षति को रोकने में मदद कर सकते हैं और यह स्वस्थ हृदय को बनाए रखने में भी सहायक होता है।
अलसी

अलसी में अल्फा लिननिक एसिड पाया जाता है जो हृदय रोग से पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचाने में काफी मदद करते हैं आलसी उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिग्नैंस और डायट्री फाइबर भी होता है, जो हार्ट के लिए जोखिम कारक हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने का काम करता है। अलसी का सेवन करने से कई सारे लाभ मिलते हैं इसलिए हृदय रोग उसे पीड़ित व्यक्ति को अलसी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
अर्जुन

हृदय रोग को खत्म करने के लिए या स्वस्थ हृदय बनाए रखने के लिए अर्जुन एक बहुत अच्छी जड़ी बूटी मानी जाती है अर्जुन की छाल का चरण का इस्तेमाल करने से हृदय पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।दरअसल ये हृदय टॉनिक के रूप में काम करता है और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसमें एक एंटी-हाइपरटेंसिव फीचर भी होता है जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
तुलसी

आप सब जानते ही होंगे कि तुलसी को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है। तुलसी न केवल सर्दी खांसी के इलाज के लिए उपयोग किया जाती है बल्कि इसका उपयोग करने से बड़ी-बड़ी बीमारियां भी ठीक हो जाती है उन्हें में से एक है हृदय रोग। इसलिए तुलसी मां की पूजा की की जाती है रसाल तुलसी में कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हृदय के लिए फायदेमंद होते। हैं। इसके लिए तुलसी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
हल्दी

आप सबके घरों में आसानी से मिलने वाली हल्दी से भी आपको काफी लाभ मिल सकता है। वैसे तो लगभग हर भारतीय हल्दी का सेवन करता ही है लेकिन आपको पता है हल्दी दिल के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं इसमें
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. हल्दी हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है। हल्दी से मांसपेशियों के कार्य में सुधार होता है।हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन रक्त वाहिकाओं के कार्यों में सुधार करके हृदय रोगों से बचाव करता है। हल्दी का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। साथी यह हमारे शरीर में मौजूद प्लेटलेट्स को आपस में जमने से रोकता है।
पपीता

स्वस्थ हृदय रखने के लिए सबसे आसान तरीका है पपीते का सेवन करना। यह फल एंटीऑक्सीडेंट विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई से भरपूर होता है। यदि कोई व्यक्ति एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लेता है, तो यह हार्ट रोग के जोखिम को काफी कम कर सकता है जिसके कारण ये एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकते हैं। जब कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीकृत हो जाता है, तब यह अवरोध पैदा करने की अधिक संभावना रखता है जिससे हार्ट रोग होता है।
लौकी

लौकी का उपयोग हार्ट अटैक को रोकने के लिए भी किया जाता है।इसे खाने से ब्लड में अम्लता घट जाती है और ब्लॉकेज खुल जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप चाहे तो लौकी की सब्जी या फिर लौकी का जूस बनाकर पी सकते हैं। इसका सेवन करने से रक्त की अम्लता कम होती है। और यदि लौकी के जूस को तुलसी के पत्ते के साथ मिलाकर पिया जाए तो और भी ज्यादा फायदेमंद होता है।
पुनर्नवा

पूर्णानवा का इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में काफी मदद मिलती है।इसका पौधा
दिल से संबंधित समस्याओं में भी मदद कर सकता है। पुनर्नवा के प्रयोग से शरीर में जमा हुए अतिरिक्त वातावरण और अन्य कारणों से होने वाले शोथ को कम किया जा सकता है।
चूने के पानी के साथ हल्दी

हल्दी पाउडर स्किन की समस्याओं, कई बैक्टीरिया, वायरस आदि से होने वाली समस्याओं को रोकने की क्षमता रखती है। हल्दी की गांठें लेंकर इन्हें चूने के पानी में डुबाकर रखें। अब सुखाएं और पीसकर पाउडर बना लेँ। इस पाउडर को बेहद कम मात्रा में गुनगुने पानी के साथ खाएं। हार्ट आर्टरीज में आई ब्लॉकेज, किसी भी तरह की बाधा, ब्लड क्लॉटिंग आदि सभी समस्याएं दूर हो गई हैं।
साबुत अनाज

स्वस्थ हृदय बनाए रखने के लिए आपको ओट्स, स्प्राउट्स, ब्राउन राइस और क्विनोआ जैसे साबुत अनाजों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें खूब फाइबर पाया जाता है । ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करते हैं और दिल को मजबूत बनाते हैं. इनमें मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिज भी इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं.
हरी सब्जियां

हरी सब्जियां आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी हैं।अपने दिल का खास ख्याल रखने के लिए पालक, मेथी, केल और ब्रोकली जैसी हरी और पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। हरी सब्जियां शरीर में खून के थक्के जमने से भी रोकती हैं।हरी सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में भी मदद करती हैं. फाइबर से भी भरपूर होती हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाती हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम करती हैं.
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