गैस डिमैग में चादना का करण और उसका इलाज
गैस डिमैग में चादना का करण और उसका इलाज
आज के समय में हर व्यक्ति व्यस्त होता जा रहा है जिसके कारण वह अपने आप को भी समय नहीं देख पा रहा है।
भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब लाइफस्टाइल के चलते लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।बदलती आदतें और भर का खाने पीने से कई बीमारियां हो रही है खासतौर पर पेट से जुड़े समस्याएं उत्पन्न होती है जिसमें पेट में गैस बनना एक आम बात हो चुकी है।गैस की वजह से पेट में दर्द होना आम है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि ये दर्द हर किसी की छाती में भी उठे। लेकिन जब शरीर से कैसे बाहर नहीं निकाल पाते हैं तो यह पेट और शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द का कारण बन सकती है यह छाती , पीठ या शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द उत्पन्न कर देती है। यदि आप भी इस समस्या से पीड़ित है या जूझ रहे हैं तो इसे छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर एमएचपी का गैस केयर चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हो। इस चरण का सेवन करने से किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है इसे आप इस कंपनी की वेबसाइट से खरीद सकते हैं।या फिर इस लिंक पर जाकर भी ऑनलाइन खरीद सकते हैं https://mhpayurveda.com/product/gas-care-churn/
पेट में गैस बनने के लक्षण क्या होते है

- यदि आपका पेट अचानक फूल जाता है या बदहजमी होने लगती है तो यह पेट में गैस बनने के लक्षण है।
- पेट में चुभन महसूस होना और भूख न लगना
- पेट में ऐंठन जैसा होना साथ ही हल्का हल्का दर्द होना
- सिर में तेज दर्द की समस्या और उल्टी और मतली होना भी गैस बनने के ही लक्षण है।
- निरंतर गैस आना या बदबूदार गैस बनना
- लगातार डकार आना ।
- दस्त और मल में खून आना।
- पेट की दायें हिस्से में दर्द होना।
इसके कारण क्या हो सकते हैं
- पाचनतंत्र में गड़बड़ी के कारण पेट में गैस बनने की शिकायत होती है।
- समान की तुलना में अधिक भोजन करना।
- पेट में मौजूद बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाना
- ढंग से चबाकर भोजन न करना या जल्दबाजी में खाना खाना
- जहरीला पदार्थ खा लेने के कारणदूध का सेवन करने से भी कुछ लोगों के पेट में गैस बनने लगती है।
- स्ट्रेस या चिंता करना
- लंबे समय तक भूखे पेट रहने सेकुछ दवाएं भी गैस के लिए जिम्मेदार होती हैं।
- ज्यादा तली-भुनी चीजें या मसालेदार खाने से
सीने में गैस और उसके लक्षण
कई बार लोग सीने में दर्द होने पर उसको दिल से जुड़ी कोई समस्या भी समझ लेते हैं। जबकि आमतौर पर सीने में दर्द गैस बनने के कारण होता है। दरअसल पेट में जब ज्यादा कैसे बन जाती है और बाहर नहीं निकाल पाती है तो वहां शरीर में फंस जाती है जिसके कारण सीने में दर्द हो जाता है । यदि आपको पेट के साथ ही सीने में दर्द हो रहा है और भूख भी नहीं लग रही तो समझ जाइए आपको गैस हो चुकी है खट्टी डकार आना भी छाती में गैस बनने का एक लक्षण हो सकता है।
सीने में गैस का इलाज

सीने में गैस होने के कारण हो रहा दर्द से छुटकारा पाने के लिए आपको बाहर का खाना खाने से बचना होगा।
खाना सही से चबाकर और आराम से खाए।
मसालेदार और ऑयली खाना खाने से बचे।
अपने दिनचर्या का ध्यान रखें एक दिन में कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर ले।
खाना खाने के तुरतं बाद पीना ना पिएं, कोशिश करें कि खाने के 45 मिनट बाद ही पानी पिएं।
अपने रूटीन में एक्सरसाइज या योगा को शामिल करें।
पेट में गैस बनने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
सलाद में खीरा खाएं

पेट में बार-बार बन रही गैस की समस्या से राहत पाने के लिए खान-पान का ध्यान अच्छी तरह से रखना चाहिए पेट की समस्या से राहत पाने के लिए आपको खीरा का सेवन जरूर करना चाहिए। खीरा पेट को ठंडा करने में लाभकारी होता है और ये आपके शरीर को हाइड्रेट रखता है। इसे खाने से एसिडिटी रिफ्लेक्स कम हो जाती है। इसे आप खाना खाने के समय सलाद के रूप में खा सकते हैं । यदि आपको कैसे की समस्या ज्यादा है तो खीर हर रोज खाना चाहिए।
नारियल पानी का सेवन

वैसे तो नारियल पानी पीना सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है इसके साथ ही यह गैस की समस्या से छुटकारा पाने में भी मदद कर साबित हुआ है। दर्शन नारियल पानी में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो की गैस की समस्या से राहत दिलाता है ।
केला

केला में आयरन और कैल्शियम होता है जिससे गैस की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आप चाहे तो रोजाना दो से तीन केले का सेवन कर सकते हैं साथ ही गले में फाइबर होने की वजह से ये एसिडिटी कंट्रोल करता है।
दही का सेवन करे

दही खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन यदि आपने दोपहर में चावल खाए हैं तो रात को दही खाने से बचना चाहिए इसलिए आपको दही का सेवन दोपहर में ही करना चाहिए। दही में डाइजेशन को बढ़ाने वाले बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो गैस की समस्या से राहत दिलाते हैं।
कौनसी सब्जियां खाएं

पेट में गैस की समस्या बनने के दौरान हरी फलियां,गाजर, शलजम, पत्ता गोभी, साग, पालक, , शिमला मिर्च, बैगन इत्यादि का सेवन आप रेग्युलर डायट में कर सकते हैं।
लेकिन आलू फूलगोभी ,मटर ,कटहल का सेवन न करें क्योंकि इन्हें खाने से गैस की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
लहसुन

पेट में ज्यादा गैस होने पर लहसुन का सेवन करना फायदेमंद होता है सुबह खाली पेट हर रोज लहसुन की कलियों का सेवन करने से पेट में गैस की समस्या को दूर किया जा सकता है।
ये फल खाए

यदि आपको भी बार-बार पेट में गैस बनने की समस्या होती है और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो उस समय आपको अंगूर, अमरूद, आड़ू ,केला, पपीता, सेब, चीकू, जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। और यदि आपको गैस के साथ ही सीने पर जलन की समस्या भी है तो आप खट्टे फल खाने से बचे।
गैस को खत्म करने के घरेलू उपाय
अजमोद
जो व्यक्ति आय दिन पेट में गैस की समस्या से परेशान है उसके लिए बेहतरीन जड़ी बूटी है अजमोद। मनजोत के पत्ते को खाने पकाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियां में से एक है। अजमोद डायरूटिक है और ये शरीर से पानी और नमक के नुकसान को बढ़ाने में मदद करता है।
जीरा

जीरा एक ऐसा मसाला है, जो हर भारतीय के किचन में आसानी से मिल जाता है और हर कोई इसका सेवन करता है। आयुर्वेद के अनुसार, जीरा पाचक रसों को उत्तेजित करता है । यह एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करता है।
तुलसी

पेट की समस्या से राहत के लिए आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग कई सदियों से किया जा रहा है। तुलसी सभी जड़ी बूटियां में से महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी के पत्तों का अर्क गैस्ट्राइटिस से पीडि़त चूहों में गैस्ट्रिक म्यूकोसा की सूजन को कम करने के लिए सिद्ध होता है। ऐसे में अगर व्यक्ति पेट में गैस बनने पर तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन कर ले, तो गैस्ट्राइटिस की समस्या बहुत कम हो जाती है। तुलसी का इस्तेमाल आप पत्ते को मुंह में चबाकर या चाय में पत्ते डालकर कर सकते हैं।
सौंफ

पेट से जुड़ी समस्या के लिए सौंफ एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार हैं। यह न केवल सूजन वाली मांसपेशियों से राहत दिलाता है बल्कि कब्ज जैसे समस्याओं को भी दूर करने के लिए मददगार साबित हुई है l सौंफ का पेट और आंत की मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जो कब्ज और एसिड रिफ्लक्स से होने वाली गैस से राहत दिलाने में मददगार है।
कैमोमाइल चाय
जो व्यक्ति गैस्ट्रिक समस्याओं से ग्रसित रहते हैं उन्हें अपने दिनचर्या में कैमोमाइल चाय का सेवन तो करना ही चहिए।
ये पत्तियां गैसेट्राइटिस जैसी सूजन को कम करने में मदद करती हैं और अल्सर से भी राहत दिलाती हैं। पाचन की समस्या को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए आप एक कप गर्म कैमोमाइल चाय का सेवन रोजाना कर सकते हैं। बहुत आराम मिलेगा।
पुदीना

कई लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद पेट फूलने की शिकायत रहती है जीने यह समस्या है। उन्हें पुदीना का सेवन करना चाहिए। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पेट में ज्यादा गैस बनने को नियंत्रित करती है। बता दें कि पेपरमिंट ऑयल में एंटीइंफ्लेमट्री और एंटी बैक्टीरियल योगिक होते हैं, जो गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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